पति ने पतà¥à¤¨à¥€ को किसी बात पर तीन थपà¥à¤ªà¤¡à¤¼ जड़ दिà¤, पतà¥à¤¨à¥€ ने इसके जवाब में अपना सैंडिल पति की तरफ़ फेंका, सैंडिल का à¤à¤• सिरा पति के सिर को छूता हà¥à¤† निकल गया।Â
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मामला रफा-दफा हो à¤à¥€ जाता, लेकिन पति ने इसे अपनी तौहिनी समà¤à¥€, रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने मामला और पेचीदा बना दिया, न सिरà¥à¤«à¤¼ पेचीदा बलà¥à¤•ि संगीन, सब रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने इसे खानदान की नाक कटना कहा, यह à¤à¥€ कहा कि पति को सैडिल मारने वाली औरत न वफादार होती है न पतिवà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥¤Â
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इसे घर में रखना, अपने शरीर में मियादी बà¥à¤–ार पालते रहने जैसा है। कà¥à¤› रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने यह à¤à¥€ पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¤¾à¤ª जाहिर किया कि à¤à¤¸à¥€ औरतों का à¤à¥à¤°à¥‚ण ही समापà¥à¤¤ कर देना चाहिà¤à¥¤Â
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बà¥à¤°à¥€ बातें चकà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ बà¥à¤¯à¤¾à¤œ की तरह बढ़ती है, सो दोनों तरफ खूब आरोप उछाले गà¤à¥¤ à¤à¤¸à¤¾ लगता था जैसे दोनों पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ के लोग आरोपों का वॉलीबॉल खेल रहे हैं। लड़के ने लड़की के बारे में और लड़की ने लड़के के बारे में कई असà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤œà¤¨à¤• बातें कही।Â
मà¥à¤•दमा दरà¥à¤œ कराया गया। पति ने पतà¥à¤¨à¥€ की चरितà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ का तो पतà¥à¤¨à¥€ ने दहेज उतà¥à¤ªà¥€à¤¡à¤¼à¤¨ का मामला दरà¥à¤œ कराया। छह साल तक शादीशà¥à¤¦à¤¾ जीवन बीताने और à¤à¤• बचà¥à¤šà¥€ के माता-पिता होने के बाद आज दोनों में तलाक हो गया।Â
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पति-पतà¥à¤¨à¥€ के हाथ में तलाक के काग़ज़ों की पà¥à¤°à¤¤à¤¿ थी।Â
दोनों चà¥à¤ª थे, दोनों शांत, दोनों निरà¥à¤µà¤¿à¤•ार।Â
मà¥à¤•दमा दो साल तक चला था। दो साल से पतà¥à¤¨à¥€ अलग रह रही थी और पति अलग, मà¥à¤•दमे की सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ पर दोनों को आना होता। दोनों à¤à¤• दूसरे को देखते जैसे चकमक पतà¥à¤¥à¤° आपस में रगड़ खा गठहों।Â
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दोनों गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ में होते। दोनों में बदले की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ का आवेश होता। दोनों के साथ रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° होते जिनकी हमदरà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में ज़रा-ज़रा विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿà¤• पदारà¥à¤¥ à¤à¥€ छà¥à¤ªà¤¾ होता।Â
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लेकिन कà¥à¤› महीने पहले जब पति-पतà¥à¤¨à¥€ कोरà¥à¤Ÿ में दाखिल होते तो à¤à¤•-दूसरे को देख कर मà¥à¤à¤¹ फेर लेते। जैसे जानबूठकर à¤à¤•-दूसरे की उपेकà¥à¤·à¤¾ कर रहे हों, वकील औऱ रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° दोनों के साथ होते।Â
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दोनों को अचà¥à¤›à¤¾-खासा सबक सिखाया जाता कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤¯à¤¾ कहना है। दोनों वही कहते। कई बार दोनों के वकà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ बदलने लगते। वो फिर सà¤à¤à¤² जाते।Â
अंत में वही हà¥à¤† जो सब चाहते थे यानी तलाक ................
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पहले रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की फौज साथ होती थी, आज थोड़े से रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° साथ थे। दोनों तरफ के रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° खà¥à¤¶ थे, वकील खà¥à¤¶ थे, माता-पिता à¤à¥€ खà¥à¤¶ थे।Â
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तलाकशà¥à¤¦à¤¾ पतà¥à¤¨à¥€ चà¥à¤ª थी और पति खामोश था।Â
यह महज़ इतà¥à¤¤à¥‡à¤«à¤¾à¤• ही था कि दोनों पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ के रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° à¤à¤• ही टी-सà¥à¤Ÿà¥‰à¤² पर बैठे , कोलà¥à¤¡ डà¥à¤°à¤¿à¤‚कà¥à¤¸ लिया।Â
यह à¤à¥€ महज़ इतà¥à¤¤à¥‡à¤«à¤¾à¤• ही था कि तलाकशà¥à¤¦à¤¾ पति-पतà¥à¤¨à¥€ à¤à¤• ही मेज़ के आमने-सामने जा बैठे।Â
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लकड़ी की बेंच और वो दोनों .......
''कांगà¥à¤°à¥‡à¤šà¥à¤¯à¥‚लेशन .... आप जो चाहते थे वही हà¥à¤† ....'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने कहा।
''तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ बधाई ..... तà¥à¤®à¤¨à¥‡ à¤à¥€ तो तलाक दे कर जीत हासिल की ....'' पà¥à¤°à¥à¤· बोला।Â
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''तलाक कà¥à¤¯à¤¾ जीत का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• होता है????'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने पूछा।Â
''तà¥à¤® बताओ?''Â
पà¥à¤°à¥à¤· के पूछने पर सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने जवाब नहीं दिया, वो चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª बैठी रही, फिर बोली, ''तà¥à¤®à¤¨à¥‡ मà¥à¤à¥‡ चरितà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¨ कहा था....
अचà¥à¤›à¤¾ हà¥à¤†.... अब तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ चरितà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¨ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ से पीछा छूटा।''Â
''वो मेरी गलती थी, मà¥à¤à¥‡ à¤à¤¸à¤¾ नहीं करना चाहिठथा'' पà¥à¤°à¥à¤· बोला।Â
''मैंने बहà¥à¤¤ मानसिक तनाव à¤à¥‡à¤²à¥€ है'', सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ की आवाज़ सपाट थी न दà¥à¤ƒà¤–, न गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾à¥¤Â
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''जानता हूठपà¥à¤°à¥à¤· इसी हथियार से सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ पर वार करता है, जो सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के मन और आतà¥à¤®à¤¾ को लहू-लà¥à¤¹à¤¾à¤¨ कर देता है... तà¥à¤® बहà¥à¤¤ उजà¥à¤œà¥à¤µà¤² हो। मà¥à¤à¥‡ तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ बारे में à¤à¤¸à¥€ गंदी बात नहीं करनी चाहिठथी। मà¥à¤à¥‡ बेहद अफ़सोस है, '' पà¥à¤°à¥à¤· ने कहा।Â
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सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ चà¥à¤ª रही, उसने à¤à¤• बार पà¥à¤°à¥à¤· को देखा।Â
कà¥à¤› पल चà¥à¤ª रहने के बाद पà¥à¤°à¥à¤· ने गहरी साà¤à¤¸ ली और कहा, ''तà¥à¤®à¤¨à¥‡ à¤à¥€ तो मà¥à¤à¥‡ दहेज का लोà¤à¥€ कहा था।''Â
''गलत कहा था''.... पà¥à¤°à¥à¤· की ओऱ देखती हà¥à¤ˆ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ बोली।Â
कà¥à¤› देर चà¥à¤ª रही फिर बोली, ''मैं कोई और आरोप लगाती लेकिन मैं नहीं...''
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पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¥à¤Ÿà¤¿à¤• के कप में चाय आ गई।Â
सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने चाय उठाई, चाय ज़रा-सी छलकी। गरà¥à¤® चाय सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ के हाथ पर गिरी।
सà¥à¤¸à¥€... की आवाज़ निकली।Â
पà¥à¤°à¥à¤· के गले में उसी कà¥à¤·à¤£ 'ओह' की आवाज़ निकली। सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने पà¥à¤°à¥à¤· को देखा। पà¥à¤°à¥à¤· सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ को देखे जा रहा था।Â
''तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ कमर दरà¥à¤¦ कैसा है?''Â
''à¤à¤¸à¤¾ ही है कà¤à¥€ वोवरॉन तो कà¤à¥€ कामà¥à¤¬à¥€à¤«à¥à¤²à¥‡à¤®,'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने बात खतà¥à¤® करनी चाही।
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''तà¥à¤® à¤à¤•à¥à¤¸à¤°à¤¸à¤¾à¤‡à¤œ à¤à¥€ तो नहीं करती।'' पà¥à¤°à¥à¤· ने कहा तो सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ फीकी हà¤à¤¸à¥€ हà¤à¤¸ दी।
''तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ असà¥à¤¥à¤®à¤¾ की कà¥à¤¯à¤¾ कंडीशन है... फिर अटैक तो नहीं पड़े????'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने पूछा।Â
''असà¥à¤¥à¤®à¤¾à¥¤à¤¡à¥‰à¤•à¥à¤Ÿà¤° सूरी ने सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¨... मेंटल सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¸ कम करने को कहा है, '' पà¥à¤°à¥à¤· ने जानकारी दी।Â
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सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने पà¥à¤°à¥à¤· को देखा, देखती रही à¤à¤•टक। जैसे पà¥à¤°à¥à¤· के चेहरे पर छपे तनाव को पढ़ रही हो।Â
''इनहेलर तो लेते रहते हो न?'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने पà¥à¤°à¥à¤· के चेहरे से नज़रें हटाईं और पूछा।Â
''हाà¤, लेता रहता हूà¤à¥¤ आज लाना याद नहीं रहा, '' पà¥à¤°à¥à¤· ने कहा।
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''तà¤à¥€ आज तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ साà¤à¤¸ उखड़ी-उखड़ी-सी है, '' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने हमदरà¥à¤¦ लहजे में कहा।Â
''हाà¤, कà¥à¤› इस वजह से और कà¥à¤›...'' पà¥à¤°à¥à¤· कहते-कहते रà¥à¤• गया।Â
''कà¥à¤›... कà¥à¤› तनाव के कारण,'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने बात पूरी की।Â
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पà¥à¤°à¥à¤· कà¥à¤› सोचता रहा, फिर बोला, ''तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ चार लाख रà¥à¤ªà¤ देने हैं और छह हज़ार रà¥à¤ªà¤ महीना à¤à¥€à¥¤''Â
''हाà¤... फिर?'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने पूछा।Â
''वसà¥à¤‚धरा में फà¥à¤²à¥ˆà¤Ÿ है... तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ तो पता है। मैं उसे तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ नाम कर देता हूà¤à¥¤ चार लाख रà¥à¤ªà¤ फिलहाल मेरे पास नहीं है।'' पà¥à¤°à¥à¤· ने अपने मन की बात कही।Â
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''वसà¥à¤‚धरा वाले फà¥à¤²à¥ˆà¤Ÿ की कीमत तो बीस लाख रà¥à¤ªà¤ होगी??? मà¥à¤à¥‡ सिरà¥à¤« चार लाख रà¥à¤ªà¤ चाहिà¤....'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ किया।Â
''बिटिया बड़ी होगी... सौ खरà¥à¤š होते हैं....'' पà¥à¤°à¥à¤· ने कहा।Â
''वो तो तà¥à¤® छह हज़ार रà¥à¤ªà¤ महीना मà¥à¤à¥‡ देते रहोगे,'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ बोली।Â
''हाà¤, ज़रूर दूà¤à¤—ा।''Â
''चार लाख अगर तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ पास नहीं है तो मà¥à¤à¥‡ मत देना,'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने कहा।Â
उसके सà¥à¤µà¤° में पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ संबंधों की गरà¥à¤¦ थी।Â
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पà¥à¤°à¥à¤· उसका चेहरा देखता रहा....
कितनी सहà¥à¤°à¤¦à¤¯ और कितनी सà¥à¤‚दर लग रही थी सामने बैठी सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ जो कà¤à¥€ उसकी पतà¥à¤¨à¥€ हà¥à¤† करती थी।Â
सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥à¤· को देख रही थी और सोच रही थी, ''कितना सरल सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ का है यह पà¥à¤°à¥à¤·, जो कà¤à¥€ उसका पति हà¥à¤† करता था। कितना पà¥à¤¯à¤¾à¤° करता था उससे...Â
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à¤à¤• बार हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में जब वह गंगा में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर रही थी तो उसके हाथ से जंजीर छूट गई। फिर पागलों की तरह वह बचाने चला आया था उसे। खà¥à¤¦ तैरना नहीं आता था लाट साहब को और मà¥à¤à¥‡ बचाने की कोशिशें करता रहा था... कितना अचà¥à¤›à¤¾ है... मैं ही खोट निकालती रही...''Â
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पà¥à¤°à¥à¤· à¤à¤•टक सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ को देख रहा था और सोच रहा था, ''कितना धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखती थी, सà¥à¤Ÿà¥€à¤® के लिठपानी उबाल कर जग में डाल देती। उसके लिठहमेशा इनहेलर खरीद कर लाती, सेरेटाइड आकà¥à¤¯à¥‚हेलर बहà¥à¤¤ महà¤à¤—ा था। हर महीने कंजूसी करती, पैसे बचाती, और आकà¥à¤¯à¥‚हेलर खरीद लाती। दूसरों की बीमारी की कौन परवाह करता है? ये करती थी परवाह! कà¤à¥€ जाहिर à¤à¥€ नहीं होने देती थी। कितनी संवेदना थी इसमें। मैं अपनी मरà¥à¤¦à¤¾à¤¨à¤—ी के नशे में रहा। काश, जो मैं इसके जज़à¥à¤¬à¥‡ को समठपाता।''
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दोनों चà¥à¤ª थे, बेहद चà¥à¤ªà¥¤Â
दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° की आवाज़ों से मà¥à¤•à¥à¤¤ हो कर, खामोश।Â
दोनों à¤à¥€à¤—ी आà¤à¤–ों से à¤à¤• दूसरे को देखते रहे....
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''मà¥à¤à¥‡ à¤à¤• बात कहनी है, '' उसकी आवाज़ में à¤à¤¿à¤à¤• थी।Â
''कहो, '' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने सजल आà¤à¤–ों से उसे देखा।Â
''डरता हूà¤,'' पà¥à¤°à¥à¤· ने कहा।Â
''डरो मत। हो सकता है तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ बात मेरे मन की बात हो,'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने कहा।Â
''तà¥à¤® बहà¥à¤¤ याद आती रही,'' पà¥à¤°à¥à¤· बोला।Â
''तà¥à¤® à¤à¥€,'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने कहा।Â
''मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ अब à¤à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤® करता हूà¤à¥¤''Â
''मैं à¤à¥€.'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने कहा।Â
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दोनों की आà¤à¤–ें कà¥à¤› ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ ही सजल हो गई थीं।Â
दोनों की आवाज़ जज़à¥à¤¬à¤¾à¤¤à¥€ और चेहरे मासूम।
''कà¥à¤¯à¤¾ हम दोनों जीवन को नया मोड़ नहीं दे सकते?'' पà¥à¤°à¥à¤· ने पूछा।Â
''कौन-सा मोड़?''Â
''हम फिर से साथ-साथ रहने लगें... à¤à¤• साथ... पति-पतà¥à¤¨à¥€ बन कर... बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥‡ दोसà¥à¤¤ बन कर।''Â
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''ये पेपर?'' सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने पूछा।Â
''फाड़ देते हैं।'' पà¥à¤°à¥à¤· ने कहा औऱ अपने हाथ से तलाक के काग़ज़ात फाड़ दिà¤à¥¤ फिर सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने à¤à¥€ वही किया। दोनों उठखड़े हà¥à¤à¥¤ à¤à¤• दूसरे के हाथ में हाथ डाल कर मà¥à¤¸à¥à¤•राà¤à¥¤ दोनों पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ के रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤° हैरान-परेशान थे। दोनों पति-पतà¥à¤¨à¥€ हाथ में हाथ डाले घर की तरफ चले गà¤à¥¤ घर जो सिरà¥à¤« और सिरà¥à¤« पति-पतà¥à¤¨à¥€ का था ।।
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पति पतà¥à¤¨à¥€ में पà¥à¤¯à¤¾à¤° और तकरार à¤à¤• ही सिकà¥à¤•े के दो पहलू हैं जरा सी बात पर कोई à¤à¤¸à¤¾ फैसला न लें कि आपको जिंदगी à¤à¤° अफसोस हो ।।
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