#सतà¥à¤¯à¤µà¤¿à¤šà¤¾à¤°??
1996 में पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बांगलादेश के जनà¥à¤® की 25वीं सालगिरह का जशà¥à¤¨ मनाया जा रहा था. इस अवसर पर कई बैठकें आयोजित की गई थीं.
à¤à¤• बैठक में à¤à¤• बांगलादेशी पतà¥à¤°à¤•ार ने हॉल की पिछली सीट पर à¤à¤• लंबे, सà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤Ÿ और आकरà¥à¤·à¤• शख़à¥à¤¸ को देखा. वो उनके पास आ कर बोला, "सर आपको तो वहाठमंच पर बीच में होना चाहिà¤. आप ही की वजह से तो 1971 संà¤à¤µ हो सका." उस आकरà¥à¤·à¤• और शरà¥à¤®à¥€à¤²à¥‡ इंसान ने जवाब दिया, "जी नहीं मैंने कà¥à¤› नहीं किया. मंच पर बैठे लोगों की तारीफ़ होनी चाहिà¤." पहचान लिठजाने से परेशान वो शख़à¥à¤¸ अपनी जगह से उठा और चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª हॉल से बाहर निकल गया.
इस शख़à¥à¤¸ का नाम था रामेशà¥à¤µà¤°à¤¨à¤¾à¤¥ काव - à¤à¤¾à¤°à¤¤ की बाहरी खà¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सी रॉ (आरà¤à¤¡à¤¬à¥à¤²à¥à¤¯à¥‚) के जनà¥à¤®à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾.
1982 में फ़à¥à¤°à¤¾à¤‚स की बाहरी ख़à¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सी à¤à¤¸à¤¡à¥€à¤ˆà¤¸à¥€à¤ˆ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– काउंट à¤à¤²à¥‡à¤•à¥à¤œà¤¼à¤¾à¤‚डà¥à¤°à¥‡ द मेरेंचे से जब कहा गया था कि वो सतà¥à¤¤à¤° के दशक के दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के पांच सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ ख़à¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤®à¥à¤–ों के नाम बताà¤à¤‚, तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उन पांच लोगों में काव का नाम à¤à¥€ लिया था.
तब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने काव के बारे में कहा था, "शारीरिक और मानसिक सà¥à¤˜à¤¡à¤¼à¤ªà¤¨ का अदà¤à¥à¤¤ समà¥à¤®à¤¿à¤¶à¥à¤°à¤£ है ये इंसान! इसके बावजूद अपने बारे में, अपने दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ के बारे में और अपनी उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के बारे में बात करने में इतना शरà¥à¤®à¥€à¤²à¤¾!"
रामेशà¥à¤µà¤°à¤¨à¤¾à¤¥ काव का जनà¥à¤® 10, मई, 1918 को वाराणसी में हà¥à¤† था. 1940 में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ सेवा जिसे उस ज़माने मे आईपी कहा जाता था की परीकà¥à¤·à¤¾ उतà¥à¤¤à¥€à¤°à¥à¤£ की और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ काडर दिया गया. 1948 में जब इंटेलिजेंस बà¥à¤¯à¥‚रो की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ हà¥à¤ˆ तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उसका सहायक निदेशक बनाया गया और पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जवाहरलाल नेहरू की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सौंपी गई.
अपने करियर की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में ही उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• बहà¥à¤¤ बारीक ख़à¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾ ऑपरेशन करने का मौका मिला. 1955 में चीन की सरकार ने à¤à¤¯à¤° इंडिया का à¤à¤• विमान ‘कशà¥à¤®à¥€à¤° पà¥à¤°à¤¿à¤‚सेज़’ चारà¥à¤Ÿà¤° किया जो हांगकांग से जकारà¥à¤¤à¤¾ के लिठउड़ान à¤à¤°à¤¨à¥‡ वाला था और जिसमें बैठकर चीन के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ चू à¤à¤¨ लाई बांडà¥à¤‚ग समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में à¤à¤¾à¤— लेने जाने वाले थे लेकिन अंतिम मौके पर à¤à¤ªà¥‡à¤‚डेसाइसटिस का दरà¥à¤¦ उठने के कारण उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी यातà¥à¤°à¤¾ रदà¥à¤¦ कर दी थी. वो विमान इंडोनेशिया के तट के पास दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤—à¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ हो गया था और इसमें बैठे अधिकतर चीनी अधिकारी और पतà¥à¤°à¤•ार मारे गठथे.
रामनाथ काव को इस दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ की जांच की ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ सौंपी गई थी. काव ने जांच कर पता लगाया था कि इस दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ के पीछे ताइवान की ख़à¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सी का हाथ था.
काव को नज़दीक से जानने वाले आरके यादव ने बीबीसी को बताया कि चीन के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ चू à¤à¤¨ लाई उनकी जाà¤à¤š से इतने पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤ कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने काव को अपने दफ़à¥à¤¤à¤° बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ और यादगार के तौर पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनी निजी सील à¤à¥‡à¤‚ट की जो अंत तक काव की मेज़ की शोà¤à¤¾ बनी रही.
1968 में इंदिरा गांधी ने सीआईठऔर à¤à¤®à¤†à¤ˆ 6 की तरà¥à¤œà¤¼ पर à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¥€ देश के बाहर के ख़à¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾ मामलों के लिठà¤à¤• à¤à¤œà¥‡à¤‚सी रिसरà¥à¤š à¤à¤‚ड à¤à¤¨à¤¾à¤²à¤¿à¤¸à¤¿à¤¸ विंग (रॉ) बनाने का फ़ैसला किया और काव को इसका पहला निदेशक बनाया गया.
रॉ ने अपनी उपयोगिता 1971 के à¤à¤¾à¤°à¤¤ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ यà¥à¤¦à¥à¤§ में सिदà¥à¤§ कर दी. काव और उनके साथियों की देखरेख में à¤à¤• लाख से अधिक मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¨à¥€ के जवानों को à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤£ दिया गया. काव का ख़à¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾ तंतà¥à¤° इतना मज़बूत था कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस बात तक की जानकारी थी कि किस दिन पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ पर हमला करने वाला है.
रॉ के पूरà¥à¤µ निदेशक और काव को नज़दीक से जानने वाले आनंद कà¥à¤®à¤¾à¤° वरà¥à¤®à¤¾ कहते हैं, "याहिया खाठके दफ़à¥à¤¤à¤° के हमारे à¤à¤• सोरà¥à¤¸ ने हमें पà¥à¤–़à¥à¤¤à¤¾ जानकारी दे दी थी कि किस दिन हमला होने वाला है. ये सूचना वायरलेस के ज़रिठआई थी. जब कोडेड सूचना को डिसाइफ़र किया गया तो ग़लती से तय तारीख से दो दिन पहले की सूचना दे दी गई. वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ को तैयार रहने के लिठकहा गया. दो दिन तक कà¥à¤› नहीं हà¥à¤†. ये लोग हाई अलरà¥à¤Ÿ पर थे. तब वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾à¤§à¥à¤¯à¤•à¥à¤· ने काव साहब से कहा कि इतने दिनों तक वायà¥à¤¸à¥ˆà¤¨à¤¿à¤•ों को हाई अलरà¥à¤Ÿ पर नहीं रखा जा सकता. काव ने जवाब दिया à¤à¤• दिन और रà¥à¤• जाइà¤. 3 दिसंबर को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ ने हमला किया और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ उस हमले के लिठपूरी तरह से तैयार थी. ये जो à¤à¤œà¥‡à¤‚ट था वो à¤à¤• हà¥à¤¯à¥‚मन à¤à¤œà¥‡à¤‚ट था. अचà¥à¤›à¤¾ लोकेशन था उसका और उसके पास सूचना à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ के लिठवायरलेस à¤à¥€ था."
à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सिकà¥à¤•िम के विलय में à¤à¥€ रामेशà¥à¤µà¤° काव की ज़बरदसà¥à¤¤ à¤à¥‚मिका रही. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस काम को महज़ चार अफ़सरों के सहयोग से अंजाम दिया और इस पूरे मिशन में इतनी गोपनीयता बरती गई कि उनके नंबर दो शंकरन नायर को à¤à¥€ इसके बारे में कà¥à¤› à¤à¥€ पता नहीं था.
आरके यादव कहते हैं, "सिकà¥à¤•िम की योजना आरà¤à¤¨ काव की ज़रूर थी लेकिन तब तक इंदिरा गाà¤à¤§à¥€ इस कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° की निरà¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¦ नेता बन चà¥à¤•ी थीं. बांगलादेश की लड़ाई के बाद उनमें इतना आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ आ गया था कि वो सोचती थीं कि आसपास की समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को सà¥à¤²à¤à¤¾à¤¨à¥‡ का ज़िमà¥à¤®à¤¾ उनका है. सिकà¥à¤•िम समसà¥à¤¯à¤¾ की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ तब हà¥à¤ˆ जब चोगà¥à¤¯à¤¾à¤² ने à¤à¤• अमरीकी महिला से शादी कर ली थी और सीआईठका थोड़ा बहà¥à¤¤ हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª वहाठशà¥à¤°à¥‚ हो गया था."
आरके यादव आगे बताते हैं, "काव साहब ने इंदिरा गाà¤à¤§à¥€ को सà¥à¤à¤¾à¤µ दिया कि सिकà¥à¤•िम का à¤à¤¾à¤°à¤¤ के साथ विलय कराया जा सकता है. ये à¤à¤• तरह से रकà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤¹à¥€à¤¨ तख़à¥à¤¤à¤¾à¤ªà¤²à¤Ÿ था और इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी बात ये थी कि ये चीन की नाक के नीचे हà¥à¤† था. चीन की सेनाà¤à¤‚ सीमा पर थीं लेकिन इंदिरा गाà¤à¤§à¥€ ने चीन की कोई परवाह नहीं की. काव को ही शà¥à¤°à¥‡à¤¯ जाता है कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने 3000 वरà¥à¤— किलोमीटर के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° का à¤à¤¾à¤°à¤¤ में विलय कराया और सिकà¥à¤•िम à¤à¤¾à¤°à¤¤ का 22वाठराजà¥à¤¯ बना."
इंदिरा गांधी की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ काव के पास थी. इंदर मलà¥à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°à¤¾ à¤à¤• दिलचसà¥à¤ª किसà¥à¤¸à¤¾ याद करते हैं जो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रामेशà¥à¤µà¤° काव ने ही सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¤¾ था. मलà¥à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°à¤¾ कहते हैं, "काव ने बताया कि हम राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤®à¤‚डल समà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में à¤à¤¾à¤— लेने मेलबरà¥à¤¨, ऑसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ गठथे. à¤à¤• दिन मà¥à¤à¥‡ पता चला कि ऑसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾à¤ˆ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ टीम का à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ मà¥à¤à¤¸à¥‡ मिलना चाहता है. मेरे पास आकर उसने कहा कि मैं आपको à¤à¤• बात बताना चाहता हूà¤. आपकी पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ à¤à¤• महान देश की महान नेता हैं और यहाठऑसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤²à¤¿à¤¯à¤¾ की धरती पर उनकी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ मेरी है."
मलà¥à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°à¤¾ ने किसà¥à¤¸à¤¾ आगे बताते हà¥à¤† कहा, "आप लोगों के यहाठपता नहीं कà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ है. जब वो कार से उतरतीं हैं तो अपना बटà¥à¤† और छतरी मà¥à¤à¥‡ पकड़ा देती हैं. उनसे से मैं नहीं कह सकता लेकिन आप से कह रहा हूठकि जब कोई नेता कार से उतरता है या चढ़ता है तà¤à¥€ आतंकवादी के पास मौक़ा होता है उन पर गोली चलाने का. à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में मेरे दोनों हाथ ख़ाली होने चाहिठउनकी हिफ़ाज़त के लिठचाहे इसके लिठहमें कार में à¤à¤• अतिरिकà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ कार में कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न बैठाना पड़े. काव ने जब इंदिरा गाà¤à¤§à¥€ को ये बात समà¤à¤¾à¤ˆ तो वो ये बात समठगईं और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उसे अपनी छतरी और बटà¥à¤† देना बंद कर दिया लेकिन जब वो à¤à¤¾à¤°à¤¤ वापस आईं तो फिर से उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ आदत दोहरानी शà¥à¤°à¥‚ कर दी."
काव को बेहतरीन कपड़े पहनने का शौक था. आरके यादव कहते हैं, "मैंने उनको रिटायरमेंट के बाद à¤à¥€ हमेशा सूट टाई में देखा. लेकिन कà¤à¥€ कà¤à¥€ वो कà¥à¤°à¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ पहनते थे खादी का और वो बताया करते थे कि मैं इसे खादी à¤à¤‚डार से लाया हूठऔर वो पोशाक उन पर फबती à¤à¥€ थी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनका शरीर à¤à¤¸à¤¾ था. पेट अंदर की तरफ़ था और उनका डीलडौल à¤à¤• à¤à¤¥à¤²à¥€à¤Ÿ की तरह था. वो जब यà¥à¤µà¤¾ थे तब से ही घोड़ा रखते थे. वो मà¥à¤à¤¸à¥‡ कहा करते थे कि मेरी तनख़à¥à¤µà¤¾à¤¹ का आधा हिसà¥à¤¸à¤¾ तो घोड़े को खिलाने में चला जाता है. उनके शानदार कपड़े पहनने की वजह से कà¥à¤› अफ़सरों को उनसे रशà¥à¤• à¤à¥€ होता था.Â
रॉ के पूरà¥à¤µ अतिरिकà¥à¤¤ निदेशक राणा बनरà¥à¤œà¥€ à¤à¥€ काव को बेहद करीब से जानते थे. राणा ने बीबीसी को बताया, "वो à¤à¤• ख़ास किसà¥à¤® की बनियान पहनते थे. वो जाली वाली बनियान होती थी और उसकी आसà¥à¤¤à¥€à¤¨ में à¤à¥€ जाली होती थी. ये बनियान सिरà¥à¤«à¤¼ कलकतà¥à¤¤à¥‡ की गोपाल होज़री में बना करती थी. लेकिन फिर ये कंपनी बंद हो गई. लेकिन इसके बावजूद वो काव साब के लिठअलग से साल à¤à¤° में जितनी उनकी ज़रूरत थी दस या बारह बनियान, वो उनके लिठबनाया करते थे."
राणा आगे बताते हैं, "जब मेरी कलकतà¥à¤¤à¥‡ में पोसà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग हà¥à¤ˆ तो मेरे सीनियर ने मà¥à¤à¤¸à¥‡ कहा कि अब ये तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ ज़िमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ है कि काव साहब के पास गोपाल होज़री से बनियाने पहà¥à¤‚चती रहें. à¤à¤• बार काव साहब का फ़ोन आया तो मैंने कहा कि मैंने बनियानें à¤à¤¿à¤œà¤µà¤¾ दी हैं. इससे पहले कि वो बनियानें उन तक पहà¥à¤à¤š पातीं, उनका दाम 25 रà¥à¤ªà¤ मेरे पास पहà¥à¤à¤š गठथे. इतना धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखते थे वो चीज़ों का."
1977 में जब इंदिरा गाà¤à¤§à¥€ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ हार गईं और मोरारजी देसाई सतà¥à¤¤à¤¾ में आठतो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस बात का à¤à¥à¤°à¤® हो गया कि आपातकाल की ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में काव साहब का à¤à¥€ हाथ था. उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ये बात काव से खà¥à¤² कर कही à¤à¥€. काव ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि आप इसकी जांच करवा सकते हैं.
इसके बाद à¤à¤• à¤à¤¸à¤ªà¥€ सिंह कमेटी बिठाई गई इसके लिठजो चरण सिंह के दामाद होते थे. उस कमेटी ने छह महीने के अंदर रिपोरà¥à¤Ÿ दी थी और न सिरà¥à¤«à¤¼ रॉ को बेदाग़ बताया बलà¥à¤•ि ये à¤à¥€ कहा कि इमरजेंसी से काव का कोई लेनादेना नहीं था."
रॉ के लगà¤à¤— सà¤à¥€ अधिकारी काव की दरियादिली को अà¤à¥€ तक याद करते हैं. जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ सिनà¥à¤¹à¤¾ रॉ के अतिरिकà¥à¤¤ सचिव रह चà¥à¤•े हैं वो कहते हैं, "कà¥à¤¯à¤¾ उनका सॉफ़िसà¥à¤Ÿà¤¿à¤«à¤¼à¤¿à¤•ेशन था! बात करने का ढ़ंग था. वो किसी से कोई à¤à¤¸à¥€ चीज़ नहीं कहते थे जो उसे दà¥à¤– पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤. à¤à¤• उनका जà¥à¤®à¤²à¤¾ मà¥à¤à¥‡ बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¤¾ लगता था. वो कहा करते थे... अगर कोई तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ विरोध करता है तो उसे ज़हर दे कर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मारना है... कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न उसे ख़ूब शहद दे कर मारा जाà¤. कहने का मतलब ये था कि कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न उसे मीठे तरीके से अपनी तरफ़ ले आया जाà¤. हम लोग उस ज़माने में बहà¥à¤¤ यà¥à¤µà¤¾ थे और हम सà¤à¥€ लोग उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हीरो वरà¥à¤¶à¤¿à¤ª किया करते थे."
विदेशी ख़à¥à¤«à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤®à¥à¤–ों को साथ काव के निजी संबंधों के साथ à¤à¤¾à¤°à¤¤ को कितना फ़ायदा हà¥à¤†, इसकी जानकारी शायद ही लोगों को कà¤à¥€ हो पाà¤!
