#डीआईजी_नवनीत_सिकेरा_जी ने à¤à¤• बेहद मारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥€ पोसà¥à¤Ÿ की।
à¤à¤• जज अपनी पतà¥à¤¨à¥€ को कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दे रहे हैं तलाक???।
""रोंगटे खड़े"" कर देने वाली सचà¥à¤šà¥€ घटना।
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कल रात à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ वाकया हà¥à¤† जिसने मेरी ज़िनà¥à¤¦à¤—ी के कई पहलà¥à¤“ं को छू लिया.
करीब 7 बजे होंगे,
शाम को मोबाइल बजा ।
उठाया तो उधर से रोने की आवाज...
मैंने शांत कराया और पूछा कि à¤à¤¾à¤à¥€à¤œà¥€ आखिर हà¥à¤† कà¥à¤¯à¤¾?
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उधर से आवाज़ आई..
आप कहाठहैं??? और कितनी देर में आ सकते हैं?
मैंने कहा:- "आप परेशानी बताइये"।
और "à¤à¤¾à¤ˆ साहब कहाठहैं...?माताजी किधर हैं..?" "आखिर हà¥à¤† कà¥à¤¯à¤¾...?"
लेकिन
उधर से केवल à¤à¤• रट कि "आप आ जाइà¤", मैंने आशà¥à¤µà¤¾à¤¶à¤¨ दिया कि कम से कम à¤à¤• घंटा पहà¥à¤‚चने में लगेगा. जैसे तैसे पूरी घबड़ाहट में पहà¥à¤à¤šà¤¾;
देखा तो à¤à¤¾à¤ˆ साहब [हमारे मितà¥à¤° जो जज हैं] सामने बैठे हà¥à¤ हैं;
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à¤à¤¾à¤à¥€à¤œà¥€ रोना चीखना कर रही हैं 12 साल का बेटा à¤à¥€ परेशान है; 9 साल की बेटी à¤à¥€ कà¥à¤› नहीं कह पा रही है।
मैंने à¤à¤¾à¤ˆ साहब से पूछा कि ""आखिर कà¥à¤¯à¤¾ बात है""*???
""à¤à¤¾à¤ˆ साहब कोई जवाब नहीं दे रहे थे "".
फिर à¤à¤¾à¤à¥€ जी ने कहा ये देखिये *तलाक के पेपर, ये कोरà¥à¤Ÿ से तैयार करा के लाये हैं, मà¥à¤à¥‡ तलाक देना चाहते हैं,
मैंने पूछा - ये कैसे हो सकता है???. इतनी अचà¥à¤›à¥€ फैमिली है. 2 बचà¥à¤šà¥‡ हैं. सब कà¥à¤› सेटलà¥à¤¡ है. ""पà¥à¤°à¤¥à¤® दृषà¥à¤Ÿà¤¿ में मà¥à¤à¥‡ लगा ये मजाक है"".
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लेकिन मैंने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से पूछा दादी किधर है,
बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने बताया पापा ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ 3 दिन पहले नोà¤à¤¡à¤¾ के वृदà¥à¤§à¤¾à¤¶à¥à¤°à¤® में शिफà¥à¤Ÿ कर दिया है.
मैंने घर के नौकर से कहा।
मà¥à¤à¥‡ और à¤à¤¾à¤ˆ साहब को चाय पिलाओ;
कà¥à¤› देर में चाय आई. à¤à¤¾à¤ˆ साहब को बहà¥à¤¤ कोशिशें कीं चाय पिलाने की.
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लेकिन उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने नहीं पी और कà¥à¤› ही देर में वो à¤à¤• "मासूम बचà¥à¤šà¥‡ की तरह फूटफूट कर रोने लगे "बोले मैंने 3 दिन से कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं खाया है. मैं अपनी 61 साल की माठको कà¥à¤› लोगों के हवाले करके आया हूà¤.
पिछले साल से मेरे घर में उनके लिठइतनी मà¥à¤¸à¥€à¤¬à¤¤à¥‡à¤‚ हो गईं कि पतà¥à¤¨à¥€ (à¤à¤¾à¤à¥€à¤œà¥€) ने कसम खा ली. कि ""मैं माठजी का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं रख सकती"" ना तो ये उनसे बात करती थी
और ना ही मेरे बचà¥à¤šà¥‡ बात करते थे. *रोज़ मेरे कोरà¥à¤Ÿ से आने के बाद माठखूब रोती थी. नौकर तक à¤à¥€ *अपनी मनमानी से वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करते थे
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माठने 10 दिन पहले बोल दिया.. बेटा तू मà¥à¤à¥‡ ओलà¥à¤¡ à¤à¤œ होम में शिफà¥à¤Ÿ कर दे.
मैंने बहà¥à¤¤ कोशिशें कीं पूरी फैमिली को समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ की, लेकिन किसी ने माठसे सीधे मà¥à¤à¤¹ बात नहीं की.
जब मैं 2 साल का था तब पापा की मृतà¥à¤¯à¥ हो गई थी दूसरों के घरों में काम करके ""मà¥à¤à¥‡ पढ़ाया. मà¥à¤à¥‡ इस काबिल बनाया कि आज मैं जज हूà¤"". लोग बताते हैं माठकà¤à¥€ दूसरों के घरों में काम करते वक़à¥à¤¤ à¤à¥€ मà¥à¤à¥‡ अकेला नहीं छोड़ती थीं.
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उस माठको मैं ओलà¥à¤¡ à¤à¤œ होम में शिफà¥à¤Ÿ करके आया हूà¤à¥¤ पिछले 3 दिनों से
मैं अपनी माठके à¤à¤•-à¤à¤• दà¥à¤ƒà¤– को याद करके तड़प रहा हूà¤,जो उसने केवल मेरे लिठउठाये।
मà¥à¤à¥‡ आज à¤à¥€ याद है जब..
""मैं 10th की परीकà¥à¤·à¤¾ में अपीयर होने वाला था. माठमेरे साथ रात रात à¤à¤° बैठी रहती"".
à¤à¤• बार माठको बहà¥à¤¤ फीवर हà¥à¤† मैं तà¤à¥€ सà¥à¤•ूल से आया था. उसका शरीर गरà¥à¤® था, तप रहा था. मैंने कहा *माठतà¥à¤à¥‡ फीवर है हà¤à¤¸à¤¤à¥‡ हà¥à¤ बोली अà¤à¥€ खाना बना रही थी इसलिठगरà¥à¤® है।
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लोगों से उधार माà¤à¤— कर मà¥à¤à¥‡ दिलà¥à¤²à¥€ विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ से à¤à¤²à¤à¤²à¤¬à¥€ तक पढ़ाया. मà¥à¤à¥‡ टà¥à¤¯à¥‚शन तक नहीं पढ़ाने देती थीं कि कहीं मेरा टाइम ख़राब ना हो जाà¤.
कहते-कहते रोने लगे..और बोले--""जब à¤à¤¸à¥€ माठके हम नहीं हो सके तो हम अपने बीबी और बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के कà¥à¤¯à¤¾ होंगे"".
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हम जिनके शरीर के टà¥à¤•ड़े हैं,आज हम उनको à¤à¤¸à¥‡ लोगों के हवाले कर आये, ""जो उनकी आदत, उनकी बीमारी, उनके बारे में कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं जानते"",
जब मैं à¤à¤¸à¥€ माठके लिठकà¥à¤› नहीं कर सकता तो "मैं किसी और के लिठà¤à¤²à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ कर सकता हूà¤".
आज़ादी अगर इतनी पà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥€ है और माठइतनी बोठलग रही हैं, तो मैं पूरी आज़ादी देना चाहता हूà¤
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जब मैं बिना बाप के पल गया तो ये बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€ पल जाà¤à¤‚गे. इसीलिठमैं तलाक देना चाहता हूà¤à¥¤
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सारी पà¥à¤°à¥‰à¤ªà¤°à¥à¤Ÿà¥€ इन लोगों के हवाले* करके उस ओलà¥à¤¡ à¤à¤œ होम में रहूà¤à¤—ा. कम से कम मैं माठके साथ रह तो सकता हूà¤à¥¤
और अगर इतना सब कà¥à¤› कर के ""माठआशà¥à¤°à¤® में रहने के लिठमजबूर है"", तो à¤à¤• दिन मà¥à¤à¥‡ à¤à¥€ आखिर जाना ही पड़ेगा.
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माठके साथ रहते-रहते आदत à¤à¥€ हो जायेगी. माठकी तरह तकलीफ तो नहीं होगी.
जितना बोलते उससे à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रो रहे थे।
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बातें करते करते रात के 12:30 हो गà¤à¥¤
मैंने à¤à¤¾à¤à¥€à¤œà¥€ के चेहरे को देखा.
उनके à¤à¤¾à¤µ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤¤ और गà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¿ से à¤à¤°à¥‡ हà¥à¤ थे; मैंने डà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤µà¤° से कहा अà¤à¥€ हम लोग नोà¤à¤¡à¤¾ जाà¤à¤‚गे।
à¤à¤¾à¤à¥€à¤œà¥€ और बचà¥à¤šà¥‡ हम सारे लोग नोà¤à¤¡à¤¾ पहà¥à¤à¤šà¥‡.
बहà¥à¤¤ ज़à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रिकà¥à¤µà¥‡à¤¸à¥à¤Ÿ करने पर गेट खà¥à¤²à¤¾à¥¤ à¤à¤¾à¤ˆ साहब ने उस गेटकीपर के पैर पकड़ लिà¤, बोले मेरी माठहै, मैं उसको लेने आया हूà¤,
चौकीदार ने कहा कà¥à¤¯à¤¾ करते हो साहब,
à¤à¤¾à¤ˆ साहब ने कहा मैं जज हूà¤,
उस चौकीदार ने कहा:-
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""जहाठसारे सबूत सामने हैं तब तो आप अपनी माठके साथ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ नहीं कर पाये,
औरों के साथ कà¥à¤¯à¤¾ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ करते होंगे साहब"।
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इतना कहकर हम लोगों को वहीं रोककर वह अनà¥à¤¦à¤° चला गया.
अनà¥à¤¦à¤° से à¤à¤• महिला आई जो वारà¥à¤¡à¤¨ थी.
उसने बड़े कातर शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में कहा:-
"2 बजे रात को आप लोग ले जाके कहीं मार दें, तो
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मैं अपने ईशà¥à¤µà¤° को कà¥à¤¯à¤¾ जबाब दूंगी..?"
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मैंने सिसà¥à¤Ÿà¤° से कहा आप विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ करिये. ये लोग *बहà¥à¤¤ बड़े पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¤¾à¤ª में जी रहे हैं।
अंत में किसी तरह उनके कमरे में ले गईं. कमरे में जो दृशà¥à¤¯ था, उसको कहने की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में मैं नहीं हूà¤à¥¤
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केवल à¤à¤• फ़ोटो जिसमें पूरी फैमिली है और वो à¤à¥€ माठजी के बगल में, जैसे किसी बचà¥à¤šà¥‡ को सà¥à¤²à¤¾ रखा है.
मà¥à¤à¥‡ देखीं तो उनको लगा कि बात न खà¥à¤² जाà¤
लेकिन जब मैंने कहा हम लोग आप को लेने आये हैं, तो पूरी फैमिली à¤à¤• दूसरे को पकड़ कर रोने लगी
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आसपास के कमरों में और à¤à¥€ बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— थे सब लोग जाग कर बाहर तक ही आ गà¤.
उनकी à¤à¥€ आà¤à¤–ें नम थीं
कà¥à¤› समय के बाद चलने की तैयारी हà¥à¤ˆ. पूरे आशà¥à¤°à¤® के लोग बाहर तक आये. किसी तरह हम लोग आशà¥à¤°à¤® के लोगों को छोड़ पाये.
सब लोग इस आशा से देख रहे थे कि शायद उनको à¤à¥€ कोई लेने आà¤, रासà¥à¤¤à¥‡ à¤à¤° बचà¥à¤šà¥‡ और à¤à¤¾à¤à¥€ जी तो शानà¥à¤¤ रहे......
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लेकिन à¤à¤¾à¤ˆ साहब और माताजी à¤à¤• दूसरे की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं को अपने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ रिशà¥à¤¤à¥‡ पर बिठा रहे थे।घर आते-आते करीब 3:45 हो गया.
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à¤à¤¾à¤à¥€à¤œà¥€ à¤à¥€ अपनी ख़à¥à¤¶à¥€ की चाबी कहाठहै; ये समठगई थी।
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मैं à¤à¥€ चल दिया. लेकिन *रासà¥à¤¤à¥‡ à¤à¤° वो सारी बातें और दृशà¥à¤¯ घूमते रहे*.
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""माठकेवल माठहै""
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उसको मरने से पहले ना मारें.
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माठहमारी ताकत है उसे बेसहारा न होने दें , अगर वह कमज़ोर हो गई तो हमारी संसà¥à¤•ृति की ""रीढ़ कमज़ोर"" हो जाà¤à¤—ी , बिना रीढ़ का समाज कैसा होता है किसी से छà¥à¤ªà¤¾ नहीं
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अगर आपकी परिचित परिवार में à¤à¤¸à¥€ कोई समसà¥à¤¯à¤¾ हो तो उसको ये जरूर पढ़ायें, बात को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ ढंग से समà¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ , कà¥à¤› à¤à¥€ करें लेकिन हमारी जननी को बेसहारा बेघर न होने दें, अगर माठकी आà¤à¤– से आà¤à¤¸à¥‚ गिर गठतो "ये क़रà¥à¤œà¤¼ कई जनà¥à¤®à¥‹à¤‚ तक रहेगा", यकीन मानना सब होगा तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ पास पर ""सà¥à¤•ून नहीं होगा"" , सà¥à¤•ून सिरà¥à¤« माठके आà¤à¤šà¤² में होता है उस आà¤à¤šà¤² को बिखरने मत देना।
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इस मारà¥à¤®à¤¿à¤• दासà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को खà¥à¤¦ à¤à¥€ पà¥à¤¿à¤¯à¥‡ और अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को à¤à¥€ पà¥à¤¾à¤‡à¤¯à¥‡ ताकि पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¤¾à¤ª न करना पड़े।
